पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पाने के 10 तरीके

पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पाने के 10 तरीके

पित्त की थैली की पथरियाँ एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या हैं जो अधिक कैल्शियम या अन्य खनिजों के इकट्ठे हो जाने के परिणामस्वरूप होती हैं। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और जब यह बड़ी हो जाती है, तो यह दर्द, मूत्र रुकाव, और अन्य जरूरी लक्षणों का कारण बन सकती है। इस ब्लॉग में, हम आपको पित्ताशय की पथरी क्या होती है, उसके कारण, लक्षण और उससे छुटकारा पाने के 10 तरीके के बारे में बताएंगे।

 

पित्ताशय की पथरी क्या होती हैं?

 

पित्ताशय की पथरी, जिन्हें गैलस्टोन्स भी कहा जाता है, पित्ताशय (गैल ब्लैडर) में छोटी-छोटी पत्थरों के रूप में बनने वाली मेडिकल समस्या हैं। ये पथरियां आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन के जमाव के कारण उत्पन्न होती हैं। यहां पर पित्ताशय की पथरी के बारे में विस्तार से जानकारी है:

 

  1. पथरियों के प्रकार:

 

कोलेस्ट्रॉल पथरियां: ये सबसे आम प्रकार की पथरियां होती हैं और कोलेस्ट्रॉल के जमाव के कारण बनती हैं।

 

बिलीरुबिन पथरियां: ये पथरियां बिलीरुबिन के अतिरिक्त कारणों से बन सकती हैं, जैसे कि रक्त संकरण के समय।

 

मिक्स्ड पथरियां: इनमें कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन के दोनों के मिश्रण से बनी होती हैं।

 

  1. पथरियों के आकार:

 

साधारण पथरियां: इनमें सामान्यत: 1-2 सेंटीमीटर के आकार की होती हैं और आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल पथरियां होती हैं।

 

बड़ी पथरियां: कुछ पथरियां बड़ी होती हैं, जिनका आकार 3 सेंटीमीटर से भी बड़ा हो सकता है, और इनमें कोलेस्ट्रॉल या मिक्स्ड पथरियां हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें :- आयुर्वेद में किडनी के उपचार का रहस्य

 

पित्ताशय की पथरी के कारण:

 

पित्ताशय की पथरी एक सामान्य आयुर्वेदिक रोग हैं जो पित्त की थैली में छोटी-छोटी पत्थरों के रूप में विकसित होती हैं। इन पत्थरों का कारण पित्त की थैली श्रोताओं में जमाव और पित्त की थैलीमें विकृति हो सकती हैं, जो निम्नलिखित कारणों से हो सकती हैं:

 

आहार: अधिक तली-भुनी खाद्य पदार्थों का सेवन करना, तेल, मक्खन, मिठाई, तला हुआ खाना, और प्रोसेस्ड फूड का अधिक उपयोग करना पित्त की थैली की स्राव में बदलाव कर सकता है और पथरियों का निर्माण कर सकता है।

 

विटामिन D की कमी: विटामिन D की कमी पित्त की थैली की बढ़ती रचना को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है और पथरियों के निर्माण को बढ़ा सकती है।

 

जीवनशैली: अव्ययामी जीवनशैली, लम्बे समय तक बैठे रहना, और अधिक समय तक खड़े न रहना भी पथरियों के निर्माण को बढ़ा सकता है।

 

जीर्ण रोग: कुछ रोग जैसे कि मेटाबोलिक सिंड्रोम, डायबिटीज, और पित्त की थैलीसे संबंधित समस्याएँ, पथरियों के निर्माण को बढ़ा सकते हैं।

 

जीवाणु संक्रमण: पित्त की थैलीमें जीवाणु संक्रमण भी पथरियों के उत्पन्न होने का कारण बन सकता है।

 

पित्ताशय की पथरी के लक्षण

पित्ताशय की पथरी के लक्षण व्यक्ति के शारीरिक और आत्मिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। पित्ताशय की पथरी के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

पेट में दर्द: पित्त की थैली की पथरियों के लक्षण में से एक होता है पेट में तेज या दर्दमय पीड़ा, जो आकस्मिक और अचानक हो सकता है।

 

पेट में सूजन: बहुत सारे पत्थरों के उपस्थित होने पर पित्त की थैलीमें सूजन या फूलाव हो सकता है।

 

पेट के बाईं ओर में दर्द: बहुत सारे पथरियों के कारण, आपके पेट के बाईं ओर में भी दर्द हो सकता है, जिसका अर्थात पित्त की थैली की ओर की ओर होता है।

 

पाचन समस्याएँ: पित्त की थैली की पथरियों के लक्षणों में से एक यह भी होता है कि आपको खाने के पाचन में समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि उलटी, पेट में गैस, और पेट में एक अजीब भारीपन का अहसास।

 

बदबू और जीभ का सफेद होना: कुछ लोगों को पित्त की थैली की पथरियों के कारण मूँह से बदबू का सामना करना पड़ सकता है और उनकी जीभ सफेद हो सकती है।

 

पेट में जलन या असहमति: पित्ताशय की पथरी पेट में जलन या असहमति का अहसास हो सकता है।

 

पेट में हवा भरना: पथरियों के दौरान, पेट में हवा भर सकती है, जिससे आपको पेट में फूलाव और गैस की समस्या हो सकती है।

 

यदि आपको इन लक्षणों में से किसी भी एक या एक से अधिक का सामना हो रहा है, तो आपको तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह पित्त की थैली की पथरियों के संकेत हो सकते हैं और उचित उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

 

 

पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पाने के 10 तरीके

 

यह रोग आमतौर पर आहार और जीवनशैली के कारण होता है, और इसके लक्षण दर्द, पेट में सूजन, या पेट में असहमति के रूप में प्रकट हो सकते हैं। यहां हम आपको पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पाने के 10 तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे:

 

  1. स्वस्थ आहार:

पित्त की थैली की पथरियों को रोकने के लिए स्वस्थ आहार बहुत महत्वपूर्ण है। आपको कम तली-भुनी और तला हुआ खाना खाना चाहिए, और ज्यादा फाइबर समृद्ध आहार जैसे कि फल, सब्जियां, और असंसाधित अनाज का सेवन करना चाहिए। यह आपके पित्त की थैली की साफ सफाई में मदद करता है और पथरियों के निर्माण को कम करता है।

 

  1. खूब सारा पानी पीना:

हमें पर्याप्त पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पानी की कमी पित्त की थैलीके रस में बढ़ोतरी कर सकती है और पथरियों के निर्माण को बढ़ावा दे सकती है। रोज़ाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने का प्रयास करें।

 

  1. व्यायाम:

नियमित व्यायाम करना आपके पित्त की थैलीको स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। यह पित्त की थैली की साफ सफाई में मदद करता है और पथरियों के निर्माण को कम कर सकता है।

 

  1. विटामिन D:

विटामिन D की कमी पथरियों के निर्माण को बढ़ा सकती है। सूरज की रोशनी में विटामिन D की स्रोत होती है, इसलिए रोज़ाना सूरज की रोशनी में समय बिताने का प्रयास करें।

 

  1. वजन का नियंत्रण:

अधिक वजन से पित्त की थैली की साफ सफाई में कठिनाइयां हो सकती हैं, और यह पथरियों के निर्माण को बढ़ा सकता है। सही वजन पर रहने के लिए व्यायाम और स्वस्थ आहार का पालन करें।

 

  1. अल्कोहल और धूम्रपान से बचाव:

अल्कोहल और धूम्रपान पित्त की थैलीके स्वस्थ रहने में हानिकारक हो सकते हैं, और ये पथरियों के निर्माण को बढ़ावा दे सकते हैं। इन चीजों का सेवन कम से कम करें या पूरी तरह से छोड़ दें।

 

  1. पित्त की थैली की शुद्धि:

आयुर्वेदिक चिकित्सा में पित्त की थैली की शुद्धि के लिए कई प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय हैं जैसे की गोखरू पाउडर इसके लिए आप विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं और उनके सुझावों का पालन कर सकते हैं।

 

  1. समय-समय पर चेकअप:

पित्त की थैलीके समस्याओं को बढ़ने से रोकने के लिए आपको नियमित चेकअप करवाना चाहिए। यह आपकी स्वास्थ्य का जानकारी रखने में मदद करेगा।

 

  1. दवाओं का उपयोग:

डॉक्टर की सलाह पर, आपको दवाओं का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है। ये दवाएं पथरी को छोड़ने और उसको दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं।

 

  1. ऑपरेशन:

अगर पथरी बड़ी है और डॉक्टर के सुझावों के बावजूद उपचार कार्यक्षेत्र में सफल नहीं हो रहा है, तो सर्जरी का विचार किया जा सकता है।

 

पित्त की थैली की पथरियों से छुटकारा पाने के लिए ये उपाय बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन किसी भी उपचार की शुरुआत से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। आपके चिकित्सक की सलाह का पालन करके आप पित्त की थैली की पथरियों से बच सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।


पित्ताशय की पथरी का परहेज

पित्ताशय की पथरी का परहेज के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:

 

प्राकृतिक और स्वस्थ आहार: अधिक तली-भुनी और मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। फल, सब्जियां, दालें, अनाज, और पानी का अधिक सेवन करें।

 

तला हुआ खाना: तला हुआ खाना और तली-भुनी चीजें न कहें, क्योंकि ये पित्त में अधिक ऊर्जा का निर्माण कर सकते हैं।

 

शुगर और मिठाई: शुगर और मिठाई का सेवन कम करें, क्योंकि इन्हें पित्त बढ़ा सकता है।

 

हाइड्रेशन: पर्यापन में पर्यापन करें और पर्यापन करें, ताकि पेशाब के साथ आने वाली एसिडिटी को कम किया जा सके।

 

साइट्रस फल: अधिकतम साइट्रस फलों का सेवन कम करें, जैसे कि नींबू, संतरा, और मौसमी, क्योंकि ये पाथरी बनाने के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

 

पर्यापन: तम्बाकू और अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन न करें, क्योंकि इससे पित्ताशय के साथ समस्याएँ हो सकती हैं।

 

पर्यापन: साइट्रेट सोडियम, जैसे कि नींबू या अन्य डॉक्टर की सलाह के अनुसार, सुप्लीमेंट्स का सेवन करें।

 

डॉक्टर की सलाह: अगर आपको पित्ताशय की पथरी है या इसकी संभावना है, तो डॉक्टर से सलाह लें और उनके दिए गए निर्देशों का पालन करें। 

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

पित्ताशय की पथरी क्या होती हैं?

पित्ताशय की पथरी छोटी-छोटी पथरियों के रूप में पित्त की थैलीमें बनने वाली रोग होती हैं।

 

पित्ताशय की पथरी के क्या कारण होते हैं?

पित्ताशय की पथरी के कारण आमतौर पर अधिक तली-भुनी खाद्य पदार्थों का सेवन, वजन की बढ़त, अल्कोहल, धूम्रपान, और अल्प जल पीना जैसे आहार और जीवनशैली के होते हैं।

 

पित्ताशय की पथरी के लक्षण क्या होते हैं?

पित्ताशय की पथरी के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं: पेट में दर्द, पेट में सूजन, पाचन समस्याएँ, बदबू और जीभ का सफेद होना, पेट में जलन, और पेट में वायु भरना।

 

पित्ताशय की पथरी से बचाव के लिए क्या करें?

पित्ताशय की पथरी से बचाव के लिए स्वस्थ आहार, पानी पीना, व्यायाम, वजन की नियंत्रण, अल्कोहल और धूम्रपान से बचाव, पित्त की थैली की शुद्धि, और नियमित चेकअप करने की सलाह दी जाती है।

 

क्या पित्ताशय की पथरी के उपचार हैं?

पित्ताशय की पथरी की पथरियों के उपचार के लिए आपको चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। उन्हें आपके लक्षणों और स्वास्थ्य स्तर के आधार पर आपके लिए सही उपाय तय करेंगे।

 

क्या पित्त की थैली की पथरियों का इलाज आयुर्वेदिक तरीकों से किया जा सकता है?

हां, कुछ लोग आयुर्वेदिक चिकित्सा का सहारा लेते हैं पित्त की थैली की पथरियों के इलाज में, लेकिन ऐसा करने से पहले आपको एक प्रमाणित आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

 

पित्ताशय की पथरी के बाद क्या आपको खाने की सीमा होती है?

हां, पित्त की थैली की सर्जरी के बाद खाने में सीमा बरतने के सलाह दी जाती है। इसका मकसद खाद्य सामग्री को अच्छी तरह से पाचन करने में मदद करना है ताकि खाने के प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।

 

पित्ताशय की पथरी के बाद क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

पित्ताशय की पथरी के बाद आपको अपनी आहार और जीवनशैली पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक उपयुक्त आहार और व्यायाम के साथ स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें।

0 comments

Leave a comment